च्यवनप्राश कब खाना चाहिए? जानकर उड जायेंगे आपके होंश
भारतीय सांस्कृतिक धरोहर में हमें विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों का अद्भुत विवेचन मिलता है जो हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। इसमें से एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक रसायन है – च्यवनप्राश।
यह विशेष रूप से शक्ति ऊर्जा और स्वस्थ जीवन के लाभ के लिए जाना जाता है लेकिन एक सामान्य प्रश्न बनता है – “च्यवनप्राश कब खाना चाहिए?” इस लेख में हम च्यवनप्राश से जुडी सभी बातो के बारे में विस्तार से बात करने वाले है।
च्यवनप्राश कब खाना चाहिए?
प्रतिदिन एक वयस्क व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए सुबह-शाम 1 चम्मच च्यवनप्राश का सेवन कर सकता है जिसे गरम पानी या दूध के साथ मिलाकर लिया जा सकता है। अगर आप बच्चों को च्यवनप्राश दे रहे हैं तो उन्हें सुबह-शाम आधे चम्मच की मात्रा में च्यवनप्राश देना उत्तम होता है।
च्यवनप्राश में मौजूद औषधीय गुणों के कारण यह नियमित रूप से सेवन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इसमें विभिन्न रोगों से बचाव के लिए मदद करने के गुण होते हैं। च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से आपका स्वास्थ्य सुरक्षित रह सकता है और आपको बीमारियों से बचाव में सहायक हो सकता है।
च्यवनप्राश खाने का सही समय क्या है?
च्यवनप्राश को खाने का सही समय व्यक्ति के दिनचर्या और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है लेकिन कुछ सामान्य दिशानिर्देश हम आपको बता देते हैं:
- सुबह
- रात
- भूखे पेट
- ऋतु के अनुसार
च्यवनप्राश खाने का सबसे अच्छा समय सुबह का है लेकिन इसे आप नाश्ते के बाद भी सेवन कर सकते हैं। ध्यान दें कि रात को इसका सेवन करना उचित नहीं है। रात्रि में च्यवनप्राश का सेवन करने से अपच शीघ्र मल त्याग और पेट में अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
च्यवनप्राश में आम गुड़ घी और अनेक प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर घटक होते हैं जो सेहत के लाभकारी हो सकते हैं। इसमें विटामिन सी विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिक मात्रा होती है जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं।
ये भी पढ़ें: केला कब खाना चाहिए? जानलो वर्ना हो जाएगा फायदे की जगह नुकसान
सही आहार और नियमित व्यायाम के साथ च्यवनप्राश का सेवन करना आपकी शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है और आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
च्यवनप्राश खाने का सही तरीका क्या है?
- आयुष मंत्रालय के मुताबिक, सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश लेना चाहिए।
- वयस्क दिन में दो बार 1 चम्मच सुबह और शाम गुनगुने दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
- बच्चों के लिए रोजाना आधा चम्मच च्यवनप्राश काफी है।
सर्दियों के मौसम में च्यवनप्राश का सेवन करने से इम्यूनिटी को बढ़ावा मिलता है लेकिन ध्यान रखें कि इसकी गरमी के कारण अधिक मात्रा में सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
च्यवनप्राश को गरम पानी या दूध में मिलाकर लेना भी एक अच्छा विकल्प है। गरम दूध में मिलाकर सेवन करने से न केवल इसकी गरमी कम होती है बल्कि यह भी इसके पोषण को अधिक असरकारी बनाता है।
5 सर्वश्रेष्ठ च्यवनप्राश खाने के फायदे
- यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
- यह तनाव और स्ट्रेस से लड़ने में मदद करता है।
- यह शरीर की स्टैमिना और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
- यह सर्दियों के मौसम में वायरल इन्फ़ेक्शन से बचाता है।
- यह आंतरिक रोगप्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि करता है।
1. यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
च्यवनप्राश में मौजूद शतावरी अश्वगंधा और अमला जैसे तत्वों के संयुक्त प्रयोग से यह शारीरिक ऊर्जा को बढ़ा सकता है और थकान को कम कर सकता है जिससे दिनभर की गतिविधियों में वृद्धि होती है।
2. यह तनाव और स्ट्रेस से लड़ने में मदद करता है।
च्यवनप्राश में शतावरी और ब्राह्मी जैसे तत्व होते हैं जो शारीरिक और मानसिक संतुलन में मदद कर सकते हैं जिससे तनाव और अवसाद कम होता है।
3. यह शरीर की स्टैमिना और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से अपच पाचन संबंधित समस्याएं और पेट की गड़बड़ी में सुधार हो सकता है जो शरीर की स्थिति को बेहतर बना सकता है।
च्यवनप्राश में शांतिवर्धक तत्वों की जूड़ी होती है जो मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और मनोबल को बढ़ाने में मदद कर सकती है। इससे स्वास्थ्य का समृद्ध और सकारात्मक असर देखा जा सकता है।
4. यह सर्दियों के मौसम में वायरल इन्फ़ेक्शन से बचाता है।
च्यवनप्राश का सेवन सर्दी खांसी बुखार और जुकाम जैसी आम समस्याओं से निजात प्रदान करने में भी मदद कर सकता है। इसमें मौजूद शहद सर्दी और खांसी को ठीक करने में मदद कर सकता है।
जबकि आंवला और अन्य जड़ी-बूटियां विटामिन-सी से भरपूर होती हैं जो सर्दी के लक्षणों को कम करने में भी सहायक हो सकते हैं।
5. यह आंतरिक रोगप्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि करता है।
एनसीबीआई द्वारा किए गए एक शोध में प्रकट हुआ है कि च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से दिल को मजबूती मिल सकती है जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
च्यवनप्राश में समृद्ध विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं और आंतरिक संक्रमणों से बचाव कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें: ग्रीन टी कब पीना चाहिए? जाने सही तरीका, फायदे और साइड इफेक्ट
च्यवनप्राश इम्यूनिटी को कैसे बूस्ट करता है?
च्यवनप्राश एक प्राचीन आयुर्वेदिक आश्वासन है जो इम्यून सिस्टम को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने में सहायक होता है। इसमें मौजूद अमलतास गुड़ूची आंवला और अन्य जड़ी-बूटियां विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जो शरीर को रोग प्रतिरोधक्षमता प्रदान करने में मदद करती हैं।
च्यवनप्राश में शामिल एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स भी होते हैं जो फ्री रेडिकल्स के खिलाफ लड़ते हैं और समय के साथ इम्यून सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से शरीर में विषाणुओं और बैक्टीरिया के खिलाफ एक प्रकार की रोकथाम बनी रहती है।
च्यवनप्राश का सेवन विशेषकर सर्दी-जुकाम और अन्य सामान्य बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है और इम्यूनिटी को सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
च्यवनप्राश खाने से बचना चाहिए
- अगर आप पेट की समस्याओं से पीड़ित हैं।
- अगर आपको भरपेट खाना खाने के बाद अपच या पेट की समस्या हो जाए।
- अस्थमा या सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को दूध या दही के साथ च्यवनप्राश का सेवन करने से बचना चाहिए।
- हाई ब्लड शुगर की समस्या वाले लोगों को इसका सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। https://gyanlife.com इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।